राणा जी की कलम से
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उन्हें ये ज़िद्द के हमें अपनी सूरत नहीं दिखाएंगे,
उनकी जिद्द के आगे तो यारो हम दुनिया ही छोड़ जाएंगे
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कहीं गलती से भी ना करले नजरें उनका दीदार,
अपनी गलियां छोड़ अनजान राहों में भटकते नजर आयेंगे
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वो कहते है कि हम है बेदर्द और दिल दुखातें है,
हमें दुसरो की खातिर खुद का दिल दुखाने में मशगुल पाएंगे
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वो कहते है कि दुनियां में दर्द की कोई कीमत नहीं,
कागज़ पे उतारो तो लोग वाह वाह करके हौसला बढ़ाएंगे
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अवधेश राणा
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