राणा जी की कलम से
- 48 Posts
- 77 Comments
जब पूछा प्यार के बारे में उनका ख्याल,
वो बहुत सारी किताब ले आये
आंखो का इशारा ही काफी था मारने लिए,
वो तो आंसुओ का सैलाब ले आये
…………………………….
जिन्हे पूरा दिन देखकर दिल नहीं भरता
वो चेहरे पे हिज़ाब ले आये
तमन्ना थी जिनके अश्को से पीने की
वो भरके जाम शराब ले आये
…………………………….
जिनकी ऊँगली का नाप लिए घूमे सराफा
वो शादी के न्योते में जवाब ले आये
वैसे तो हमारी हस्ती भी कुछ कम न थी
उनके अब्बा ढूंढ के नवाब ले आये
…………………………….
जब हमने सोचा ईमानदारी से जीने का
वो रिश्वत में शबाब ले आये
उससे भी जब नहीं माने तो
वो ऊपर से ट्रांसफर का दबाब ले आये
…………………………….
दहेज़ के खिलाफ जो थे आदर्श
लड़के की शादी में चेहरे पे रुआब ले आये
ज्यादा कुछ नहीं माँगा लड़की वालो से
बस बेटे पे खर्च का हिसाब ले आये
…………………………….
अवधेश राणा
Read Comments