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प्याज के भाव

राणा जी की कलम से
राणा जी की कलम से
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जैसे ही मैंने सब्जी वाले से माँगा दूसरी सब्जियों के साथ 2 किलो प्याज ,
सब्जियो के लिए पैनकार्ड माँगा लेकिन प्याज ने बिगाड़ा उसका मिज़ाज !
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वो बोला कल 5 किलो प्याज लेके गयी थी चौधरी साब की मेड ,
शायद आपने सुना हो आज उनके घर पड़ गयी इनकम टेक्स की रेड !
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फिर बोला बहना की शादी मे उसकी ससुराल वाले हुए बड़े नाराज़ ,
बोले सब्जी वाले होके भी दहेज मे नही दे पाए एक बोरी प्याज !
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दीवाली पे पुलिसवालो, रिस्तेदार और दोस्तो को चाहिए प्याज की सौगात ,
वैसे आजकल छूटटे रुपयो की जगह प्याज देकर पा सकते है निजात !
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मैने पूछा सब्जियो के दाम बढ़े है तुम्हे भी होगा अच्छा ख़ासा फ़ायदा ,
बोला हम दिहाड़ी पर है मुनाफ़ा सेठ ले जाता है ये है धन्दे का क़ायदा !
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फिर बोला हमारी छोड़िए सब्जी उगाने वाले किसान का भी है बुरा हाल ,
उनका दाम पहले से फिक्स है मुनाफ़ा कमाते है बिचोलिये और दलाल !
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हमने सोचा देश की है ये त्रासदी असली काम करने वाले भूखे मरते है ,
किसानो की भी है हालत खराब दलाल बिचोलिये ही पूरे मज़े करते है !
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अवधेश राणा

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